देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में शिपिंग का रिकॉर्ड कायम किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में रेलवे के जरिए 2.33 लाख कारों को भेजा जो किसी भी वित्त वर्ष में सबसे अधिक है. कंपनी ने आठ साल पहले कारों को रेलवे के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजना शुरू किया था और इन आठ वर्षों में कंपनी ने अब तक 11 लाख गाड़ियों को रेलवे के जरिए ट्रांसपोर्ट किया. पिछले वित्त वर्ष में शिपिंग सालाना आधार पर 23 फीसदी अधिक रहा.
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तेल की बचत और जाम से निजात जैसे फायदे
रेलवे द्वारा कारों को भेजने से 4,800 टन कॉर्बन डॉईऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली है. इस फैसले से ट्रकों के करीब 1.56 लाख फेरे कम लगे हैं और 17.4 करोड़ लीटर तेल की बचत हुई है. मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि रेलवे के जरिये कारें भेजने से कॉर्बन उत्सर्जन घटाने में तो मदद मिलती ही है, साथ ही सड़क पर जाम से भी निजात मिलती है.
रेलवे का इस्तेमाल बढ़ा रही कंपनी
भारती ने कहा कि कंपनी लगातार रेलवे के जरिए भेजे जाने वाले कारों की संख्या बढ़ा रही है. कंपनी ने 2014-15 में रेलवे के जरिये 66,000 कारों की सप्लाई की थी जो 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 2.33 लाख इकाई हो गया. अभी कंपनी द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाने वाले वाहनों में से 15 प्रतिशत रेल के जरिये जाते हैं जिसे कंपनी ने आगे और बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
मारुति सुजुकी देश की पहली वाहन कंपनी थी जिसे वर्ष 2013 में ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर (AFTO) लाइसेंस मिला था. इस लाइसेंस के जरिए कंपनी को रेलवे नेटवर्क पर हाई-स्पीड, हाई-कैपेसिटी ऑटो-वैगन रेक को ऑपरेट करने की मंजूरी मिली. कंपनी के पास 41 रेलवे रैक हैं और प्रत्येक रैक की क्षमता 300 वाहनों की है.