Hybrid VS Petrol Car: भारत में इलेक्ट्रिक कारों के अलावा हाइब्रिड कारों का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है. हाइब्रिड कार दो मोटरों पर काम करती है. इसमें पहला पेट्रोल इंजन होता है जो किसी सामान्य फ्यूल इंजन वाले कार के समान ही होता है. वहीं, दूसरा इलेक्ट्रिक मोटर होता है, जो कि आपको ज्यादातर EV में देखने को मिल जाता है. इस तरह, कार पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर के इस्तेमाल के ज़रिए आपको ज्यादा माइलेज देती है. हालांकि, हाइब्रिड कारों की कीमत पेट्रोल कार की तुलना में ज्यादा होती है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या पेट्रोल कार की तुलना में ज्यादा कीमत वाली हाइब्रिड कार को खरीदना आपके लिए फायदेमंद है? वहीं, क्या आप हाइब्रिड कार खरीदकर पेट्रोल पर बचत करते हुए कार की अतिरिक्त कीमत को वसूल सकते हैं? अगर हां तो इसमें कितना समय लगेगा? आइए समझते हैं.
हाइब्रिड कारों में क्या है ऑप्शन और उनकी कीमत
होंडा सिटी हाइब्रिड एक वेरिएंट ZX Sensing e:HEV में उपलब्ध है और इसकी एक्सशोरूम कीमत 19.89 लाख रुपये है. वहीं, इस कार के लिए 26.5 किमी/लीटर माइलेज का दावा किया गया है. इसके अलावा, ग्रैंड विटारा हाइब्रिड की कीमत 17.99-19.49 लाख रुपये है और इसका क्लेम्ड माइलेज 27.97 kmpl है. अर्बन क्रूजर Hyryder की बात करें तो इसकी कीमत 15.11-18.99 लाख रुपये है. और इसमें 27.97 किमी/लीटर माइलेज का दावा किया गया है.
उदाहरण से समझें
इसे समझने के लिए हमने यहां मारुति सुजुकी Grand Vitara के Zeta AT पेट्रोल मॉडल और और Zeta प्लस हाइब्रिड CVT मॉडल का उदाहरण लिया है. Maruti Suzuki Grand Vitara के Zeta AT पेट्रोल मॉडल की कीमत 15.39 लाख रुपये है. जबकि, इसके Zeta प्लस हाइब्रिड CVT मॉडल की कीमत 17.99 लाख रुपये है. इसका मतलब है कि हाइब्रिड वैरिएंट के लिए आपको 2.60 लाख रुपये ज्यादा देने होंगे. Zeta AT पेट्रोल मॉडल कार 20.58 kmpl का माइलेज देती है जबकि Zeta प्लस हाइब्रिड CVT मॉडल में 27.97 kmpl माइलेज का दावा किया गया है. इसका मतलब है कि हाइब्रिड कार आपको 7.39 kmpl ज्यादा माइलेज देगी.
मान लीजिए कि किसी शख्स के पास Zeta AT पेट्रोल मॉडल है और वह महीने में अपनी कार से 1000 किलो मीटर ड्राइव करता है. इस स्थिति में उसे महीने में 48.59 लीटर पेट्रोल की जरूरत पड़ेगी. इसका मतलब है कि हर महीने पेट्रोल पर लगभग 4,700 रुपये का खर्च आएगा. वहीं, इस हिसाब से पेट्रोल पर सालाना खर्च 56 हजार 400 रुपये होगा. (दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत- 96.72 रुपये प्रति लीटर) मान लीजिए कि आप एक कार का इस्तेमाल औसतन 8 साल तक करते हैं. इस हिसाब से 8 साल में पेट्रोल पर आपका खर्च बढ़कर लगभग 4.50 लाख रुपये हो जाएगा. मान लीजिए उसी शख्स के पास Zeta प्लस हाइब्रिड CVT मॉडल है. अब उसे हर महीने लगभग 36 लीटर पेट्रोल की जरूरत होगी. इस हिसाब से पेट्रोल पर उसका महीने का खर्च 3481 रुपये होगा. वहीं, सालाना खर्च 41,772 रुपये होगा. इसी तरह, 8 साल में आपका पेट्रोल पर खर्च 3.34 लाख रुपये होगा.
कितने समय में वसूल होगी कीमत?
इस तरह अगर पेट्रोल की कीमत को कॉस्टेंट माना जाए तो आप हाइब्रिड कार के इस्तेमाल से 8 साल में लगभग 1 लाख 16 हजार रुपये बचा सकते हैं. जबकि खरीदते समय आपको हाइब्रिड वैरिएंट के लिए 2.60 लाख रुपये ज्यादा देने पड़े थे. इस तरह देखा जाए तो आप 8 साल में तो इस कीमत को वसूल नहीं कर पाते हैं. इस कीमत को वसूल करने में आपको 16 साल से भी ज्यादा समय लगेगा. लेकिन, अगर आप हर महीने 3000 किलोमीटर या उससे ज्यादा ड्राइव हैं तो आपके लिए हाइब्रिड कार फायदेमंद हो सकती है. इसके अलावा, अगर आने वाले समय में पेट्रोल की कीमत बढ़ती है, जिसकी पूरी संभावना है तो आप और ज्यादा बचत कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में आपके लिए हाइब्रिड कार खरीदना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.