
UIDAI और टेलिकॉम मंत्रालय ने एक संयुक्त बयान में कहा कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोबाइल उपभोक्ताओं द्वारा KYC विवरण का दोबारा वेरिफिकेशन करने का फैसला पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आधार KYC के जरिए जारी हुए मोबाइल नंबरों का कनेक्शन काटने का निर्देश नहीं दिया है. इसलिए परेशान या घबराने वाली कोई बात नहीं है.
इससे पहले मीडिया में कुछ ऐसे रिपोर्ट्स आए थे जिसमें गया कि आधार KYC पर लिए गए सिम कार्ड का अगर नया KYC नहीं कराया जाता है तो उन्हें बंद किया जा सकता है. इसके बाद UIDAI और टेलिकॉम मंत्रालय ने साझा बयान जारी किया है.
UIDAI का ट्वीट
The Department of Telecommunications @DoT_India and Unique Identification Authority of India in a #JointPressStatement today clarified that a few news reports in the media which state that 50 cr mobile nos., are at the risk of disconnection, are completely untrue & imaginary 1/n
— Aadhaar (@UIDAI) October 18, 2018
बयान में कहा गया है कि मोबाइल फोन यूजर अगर चाहें तो आधार KYC की जगह नया KYC करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी को आधार से डीलिंक करने के लिए कहना होगा. इसके बाद ही नए तरीके से KYC कराया जा सकेगा.
UIDAI ने कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिये दूरसंचार कंपनियों को 15 अक्टूबर का समय दिया है और अपनी सेवाओं के लिए आधार आधारित वेरिफिकेशन को बंद करने के लिए कहा है.
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